ये दिल किसी को पाना चाहता है,
और उसे अपना बनाना चाहता है,
और उसे अपना बनाना चाहता है,
खुद तो चाहता है ख़ुशी से धड़कना
उसका दिल भी धड़काना चाहता है,
उसका दिल भी धड़काना चाहता है,
जो हँसी खो गई थी बरसों पहले कहीं,
फिर उसे लबों पर सजाना चाहता है,
फिर उसे लबों पर सजाना चाहता है,
तैयार है प्यार में साथ चलने के लिए,
उसके हर गम को अपनाना चाहता है,
उसके हर गम को अपनाना चाहता है,
मोहब्बत तो हो ही गई है अब तो, पर,
अब उसी से ही ये छिपाना चाहता है,
अब उसी से ही ये छिपाना चाहता है,
ये दिल अब किसी को पाना चाहता है,
और उसे सिर्फ अपना बनाना चाहता है.
और उसे सिर्फ अपना बनाना चाहता है.
No comments:
Post a Comment